कहो क्या गज़ल कहूं

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गज़ल दिल है लहुलुहान कहो, क्या गज़ल कहूं। मुस्किल में फसी जान कहो , क्या गज़ल कहूं।। फूलो को मिरे दर्द का,  एहसास हो गया। रोने लगे गुलदान, कहो क्या गज़ल ...

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