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सावन की बूंदे पड़ी, नन्हें दिलों में शरारतें जगी। सन गये हाथ पैर मिट्टी में इनके, छाते को इनके दूर हवा ले उड़ी। मीठी सी फुहारें दिल में उठी, शैतानियां इनकी ...