लेखनी कहानी -09-Aug-2022 आजादी की रात

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वो रात कितनी हसीन थी  आंखों में किसी के ना नींद थी  दासता से मुक्ति मिल रही थी  "आजादी" खुले में सांस ले रही थी  "तिरंगा" कर रहा था आसमान से ...

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