यह कह गए सुजान

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बंद कपाट मन के बंद कपाट को, आप लीजिए खोल। जितना संभव हो सके, बोलो मीठे बोल।। बंद हृदय के पट कभी, करें नहीं उत्थान। जितना संभव हो सके, अर्जित कीजे ...

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