हवा डोल रही है (रुबाइ)

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लब   तो   चुप  हैं   मगर उसकी नज़र बोल रही है !  बड़े  अरमान से जज़्बात के   दर   खोल   रही   है !!  हर अफ़कार  से महफूज़ रहे      उसकी     जवानी ...

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