1 Part
401 times read
16 Liked
कविता मै सुंदर कविता लिखता हूँ मै सुंदर कविता पढ़ता हूँ ज्वला जैसी आग लिए अंदर सीतल जैसा रहता हूँ मै जात पात और पाप को जीवन से दूर रखता हूँ ...