धूर्तोपख्यान

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क्लेश को दूर करने वाले श्रेष्ठ जिनेन्द्र को नमस्कार करके विद्वज्जनों के बोधनार्थ मैं धूर्ताख्यान कहता हूँ। सुन्दर सम्पन्न लोगों से भरी रहने वाली, स्वर्ग से भी बढ़ी-चढ़ी उज्जयिनी नाम की ...

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