वतन पर मरने... ग़ज़ल.

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वतन पर मरने मिटने का हम   अरमान रखते हैं।  हथेली  पर  हमेशा  हम  अपनी  जान  रखते हैं । तु  साजिश   रचता  रहता  है  हमको मिटाने की, खुदा  तुझको  मिटा  देगा   ये  ...

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