ननद भौजाई

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पदुमा बहुत दुखी और अत्यंत चिंतित-सी आंगन में आई। आंखों में अपराध और पश्चाताप की सलज्ज रेखा थी। अपनी भौजी से बिना कुछ बोले ही, पूरब की कोठरी में घुस गई। ...

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