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कविता ःःतारों भरी रात ******************* वो झिलमिलाती तारों भरी रात लेकर हाथों में हाथ कभी हम यूं ही घंटों निहारा करते थे चमकती सितारों के स्नेह वर्षा उसपर सर्द हवाओं का ...