लेखनी प्रतियोगिता -16-Aug-2022

1 Part

267 times read

20 Liked

*क्या पहचान मेरी...*  कल कोई पहचान नहीं होगी मेरी बूंद हूं में आज बारिश की आंसू बन जाऊं पलकों का तेरी जब भी तूने कोई ख्वाहिश की कल कोई पहचान नहीं ...

×