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ममता का रक्षाबंधन ***************** आँखें नम हैं मन में उल्लास भी, महज कपोल कल्पना सी लगती है, विश्वास अविश्वास की तलैया में हिलोरें भरती मेरी परिकल्पना को तूने आगे बढ़कर साकार ...