आज़ाद

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🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹 भुलाने शामे ग़म के हाय अफ़साने कहाँ जाते। न होते जो ये मयख़ाने तो दीवाने कहाँ जाते। न मिलता साक़िया हमको तुम्हारा दिलनशीं दर तो। लिए हाथों में अपने ...

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