उम्मीद छोड़ूँ कैसे?

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इससे  अपना  नाता  भला  तोड़ूँ   कैसे? एक  उम्मीद  ही  तो  है  इसे छोड़ूँ कैसे? यहाँ चलना पड़ता है वक़्त के मुताबिक, ये  सिलसिला-ए-वक़्त  मैं  तोड़ूँ   कैसे? एक ख़ुशी आती है दूसरी ...

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