लेखनी प्रतियोगिता -17-Aug-2022

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उम्मीद अंधेरे में खुद का साया भी साथ नहीं और एक लौ की उम्मीद लगाए बैठे हैं  क्या उम्मीद करू इस सूरज से भी एक दिन तो इसे भी है ढल ...

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