कान्हा आना#लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -19-Aug-2022

1 Part

323 times read

20 Liked

रास छंद (8,8,6) सृजन शब्द -कान्हा आना ****************** कान्हा आना,राह निहारे,अब थकती। तेरी राधा, आस लगाए, बस रहती।। पनघट सूना, मन भी सूना,है लगता। नाम जपूं नित, तेरा क्या तू , ...

×