मिल रहीं हैं तारीफों में भर के, छोटी छोटी खामियां देखे न जाते हिस्से जीत के, गिनाने आते नाकामियां। यहां किसको फर्क है,  कि तुझे कितना दर्द है मशहूर होते सब ...

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