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लिख ग़ज़ल साँवरा करते हैं पलकों में... शब्दों शब्दों को आईने में उतारा करते हैं .... पलकों में... थकान इस कदर तमाम दिन का ..जाग थकान मिटाया करते हैं ... पलकों ...