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कहीं भी ढूंढने से हम-ज़बाँ नहीं मिलते, मक़तलों में कभी हम-शबाँ नहीं मिलते। जिनके बायस मिरा ज़िगर है चाक़ वही, जहाँ भी ढूंढो मुझे वो कहीं बुतां नहीं मिलते। हर एक ...