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जालिम तेरी तारीफें हमसे की नहीं जाती तेरी तो हर इक अदा लाजवाब है..., बिता लूं तारों के सिराहने, उम्र तेरी बाहों में खुले आसमानों के बीच, अब इक यही ख्वाब ...