कविता प्रतियोगिता 23-Aug-2022, लालसाएं मिटाओ, परम आनन्द पाओ

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*लालसाएं मिटाओ, परम आनन्द पाओ* विचार उपद्रव मचाते, जैसे सागर की ऊंच लहर रुक ना पाते चलते ही जाते, प्रतिदिन अष्ट प्रहर इच्छाओं का आक्रमण मुझे, शान्त ना होने देता आत्म ...

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