इजहार ए इश्क।

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बडी रूहानी सी  बात है, इश्क  की हुई बरसात है। तडप लिए  बस छुअन की ही, न  ऐसी न ,इसकी कोई  बिसात है। समा जाए बस इक दूजे मे ही, यही ...

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