जीवन धारा

2 Part

349 times read

21 Liked

सोचते है  हम भी संभल जाएं.., बाकी लोगो की  तरह बदल जाएं..., नही रखना अब कोई वास्ता किसी से...., जहां कद्र ना हो वहां से निकल जाएं....!! विजय गौतम  ...

×