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*ग़ज़ल* मेरी मौत के तमाशाबीनों, मैं कोई बेचारा न था , मेरी हस्ती , मेरा वजूद , कुछ भी तुम्हारा न था । सहल हो गई मन्जिलें ,ईत्मिनान से , चलते ...