1 Part
263 times read
15 Liked
((( ग़ज़ल ))) जलाया जाऐ दीये से दीया मुहब्बत का, यही है फ़र्ज़ मेरे भाई आदमिय्यत का! तमाम धर्म तो देते है प्यार की शिक्षा, तो फिर ये ...