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*अहंकार मिटाओ, सुख शांति पाओ* और नहीं कोई यहां, केवल शत्रु तेरा अहंकार चले कभी ना एक तरफा, ये दो धारी तलवार खूबियों का हो गुमान, ये मन में तभी पनपता ...