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भाद्रपद मास, 24/08/22 दिन, बुधवार, संध्याकाल,, सखी जयश्रीकृष्ण।। आज तो अनर्थ हो गया सखी,, सरस्वती भी बिक गई।। या कहू कि खिलौना हो गई।।खैर खिलौना तो वो थी ही बिकना सही ...