कविता ःःकहाँ खो गए हम

1 Part

140 times read

5 Liked

कविता ःःकहाँ खो गए हम 🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂 भीड़ है कोलाहल भी पर हम खो गए हैं कहाँ अपनों की कमी नहीं ,रिश्तों की फौज पड़ी पर अकेलापन हमें हर पल डँसता रहता ...

×