मैं जो भी लिखूँ स्वछंद लिखूँ

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बस एक ही सपना मेरा मै, जो भी लिखूं हो स्वछन्द लिखूँ, साफ लिखूं सटीक लिखूं होकर दुनियाँ से निर्भीक लिखूँ, न होकर किसी की पाबन्द लिखूँ,। सबके मन को भा ...

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