लेखनी प्रतियोगिता - काश...

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काश... काश... कहीं से तुम आते, और एक बार पूछते, क्यों भीगी पलकें तुम्हारी है? क्या हुआ, बतलाओ मुझे, क्यों तुम्हारा दिल इतना भारी है? काश.. एक बार झूठे ही सही, ...

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