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क्यों उलझे हो हमारे में सुलझा ना पाओगे .. तड़प हमारी यू दूर कर ना पाओगे.... गिले शिकवे हमारे बहुत है तुमसे... यूं हमसे तुम बच ना पाओगे... देते हो दर्द ...