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कविता-नैइहर का न्योता(अवधी भाषा में) लुगाई कै खरचा, दवाई कै खरचा लड़िकन के पढ़ाई लिखाई कै खरचा ऊपर से मंहगाई गटई दबावै जुतावै बुवावै कै चिंता सतावै मंहगाई कै मार,सहत जात ...