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गुमनाम रास्ते मंजिल नाराज़ हैं, और रास्ते गुमनाम से हैं जिन्दगी तू ही बता, हम यहां किस काम से हैं। दिखाने लगें है वो लोग भी आईना , नाम जिनका मेरे ...