बेरोज़गारी के हाथ -28-Aug-2022

1 Part

286 times read

10 Liked

कविता-बेरोज़गारी के हाथ आदि अंत हो या अनन्त हो मिटी कहां है क्षुधा किसी की सायद  इसी  लिए  ही ईश्वर कर खाने के लिए हाथ दी इन हाथों से मेहनत करना ...

×