तू रात है!

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दिन सा हूँ मैं, रात है तू कह न सका जो, बात है तू धड़कन तन्हा, दिल बिन जैसे सूनी कलम हूँ, स्याह है तू। मिलना तो मुमकिन नही तेरा मेरा ...

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