लेखनी प्रतियोगिता -30-Aug-2022 गुरु

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दया धाम करुणा की मूरत सभ्य सरलता जिनमें  दिखते बाहर से कठोर पर,स्निग्ध तरलता उनमें। सदा नम्र कठोर पर्वत सम तेज सदा मस्तक पर , गुणी गण्य गुणवान महत जो ज्ञान ...

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