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शीर्षक-मेरा मुझमें कुछ नहीं मेरा मुझमें कुछ नहीं, नभ धरती संसार यही भला मैं हूं यहां,सब तेरा उपकार चलता है सब रात दिन,होता है दिन रात चाह कर कोई क्या करे,हिला ...