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शेख मखमूर--मुंशी प्रेमचंद 5 जब यह जीत की लहर-जैसी फौज शहर की दीवार के अन्दर दाखिल हुई तो शहर के मर्द और औरत, जो बड़ी मुद्दत से गुलामी की सख्तियाँ झेल ...