ये तेरा घर ये मेरा घर

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मालती घर की दहलीज पर बैठी थी और आंखों से छलक आते आसूंओं को जबरन रोकने का प्रयास कर रही थी पर ये बेवफा आंसू ढलकते ही जा रहे थे।पता नहीं ...

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