1 Part
449 times read
5 Liked
मालती घर की दहलीज पर बैठी थी और आंखों से छलक आते आसूंओं को जबरन रोकने का प्रयास कर रही थी पर ये बेवफा आंसू ढलकते ही जा रहे थे।पता नहीं ...