कविता ःःकलकल करती गंगा

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कविता ःःकलकल करती गंगा 🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃 जटाजूट शिव के जटाओं से उतर हिमालय के दुर्गम राहों से होकर वह इन मैदानों में आई बड़ी निश्छल..और पवित्र पावनी..है जन्म  और कर्म  धर्म और ...

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