1 Part
314 times read
4 Liked
कविता ःःचेहरा तुम्हारा 🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃 चेहरा तुम्हारा चांद का जैसे हो टुकड़ा उसपर तुम्हारी ये मासूमियत जैसे..निर्झर बहती पानी की लहरें तुम्हारी आवाज कोकिल की कूक सी एक आदाब हो तुम जैसे ...