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गमों के अंधियारे में, उजालों का एक पहर हो बनावटी शरबतो के बीच, एक प्याला जहर हो मुस्कुराओ! क्यों बहाते हो इन आंसुओ को बेकार में दुनिया की इस भीड़ में, ...