मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

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घरजमाई मुंशी प्रेम चंद 5 सारे धर ने खाया, पर हरिधन न उठा। सास ने मनाया, सालियों ने मनाया, ससुर ने मनाया, दोनो साले मनाकर हार गये। हरिधन न उठा, वहाँ ...

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