लेखनी कहानी -04-Sep-2022 प्रतियोगिता के लिए कविता

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हार नहीं मानूँगी  हार नहीं मानूँगी कभी भी  चाहे जितनी भी मुश्किल हो राहों में चाहे शूल बिछे हों उठती हो या ज्वालामुखी अंगारों पर चलना पड़े तो हँसकर ही है ...

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