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कविता - सुख और दुःख भेंट हुआ एक दिन सुख दुःख का दुःख ने खबर लिया तब सुख का, दुःख बोली ओ! प्यारी बहना कितना मुस्किल तुमसे मिलना रहती कहां?नहीं हो ...