समझ नहीं आता

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क्या लिखूं तुझ पर, समझ नहीं आता कैसे पिरोऊं एहसासों को, समझ नहीं आताl क्यों होती हो दूर तुझसे, समझ नहीं आताl कैसे सजाऊं अपनी लेखनी से तुझे, समझ नहीं आता। ...

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