लेखनी प्रतियोगिता -06-Sep-2022 - निरोगी काया

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पहला सुख निरोगी काया, दुखी न कर तू अपना ही साया। धन माया के चक्कर में तुम, जो जाते हो यहां झूम झूम।  रिश्ते सब हो जाते बेगाने, बन जाते कई ...

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