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भोर की किरणें बुलाएं विधा-कविता भोर की किरणें बुलाएं जाग जाओ दिन सुनहरा आज जो निश्चित किया है लक्ष्य को बढ़ते जाना आलस्य त्याग जग उठ खड़ा है खुशियों का डेरा ...