मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

270 Part

66 times read

1 Liked

बेटों वाली विधवा मुंशी प्रेम चंद कामतानाथ ने पलंग पर लेटे-लेटे कहा- 'रहने दो अम्माँ, मैं पानी भर लाऊँगा, आज महरी खूब बैठ रही।' फूलमती ने मटियाले आकाश की ओर देखकर ...

Chapter

×