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बेटों वाली विधवा मुंशी प्रेम चंद कामतानाथ ने पलंग पर लेटे-लेटे कहा- 'रहने दो अम्माँ, मैं पानी भर लाऊँगा, आज महरी खूब बैठ रही।' फूलमती ने मटियाले आकाश की ओर देखकर ...