विश्व शांति हेतु मानवता पर कविता-09-Sep-2022

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उठ रहीं नभ में शिखाएं जल रही मंडल दिशाएं खुद लगाकर आग जलता दुष्कर्म छोड़ेगा नहीं,                               ...

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